प्रदीप सारंग
भारत लखनऊ । भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर, कर्नाटक अउर अवध भारती संस्थान लखनऊ उत्तर प्रदेश केर संयुक्त आयोजन रहा । आजु के डिजिटल युग मा भाषा और प्रौद्योगिकी के बीच अच्छा सामंजस्य होउब बहुतै जरूरी है। काहेसे कि भाषा संचार केर असल माध्यम आय अउर प्रौद्योगिकी ई संचार का नवा आयाम दियत है। अवधी के कवियन लेखकन कलाकारन का डिजिटल फ्रेंडली बनै का चाही।
ई विचार मुख्य अतिथि डॉ सत्येन्द्र अवस्थी विषय विशेषज्ञ, भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर कर्नाटक ने प्रेस क्लब लखनऊ मा अवध भारती संस्थान अउर भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर कर्नाटक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संगोष्ठी मा रखि रहे रहैं। यहि संगोष्ठी केर विषय ूअवधी भाषा अउर प्रौद्योगिकीू रहा।
अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ राम बहादुर मिश्र कहिन कि प्रौद्योगिकी के साथै हमार अवधी कदम ताल करी। प्रौद्योगिकी विषय पर जगावै बरे अलग(अलग स्थानन पर कार्यशाला कीन जाई। आधुनिक तकनीक अपनाउब जरूरी होई।
संगोष्ठी केर अध्यक्षता यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के लखनऊ मण्डल अध्यक्ष शिव शरण सिंह गहरवार अपने अध्यक्षीय व्यख्यान मा कहिन कि अवधी का तकनीकी रूप से सक्षम बनावै तईं जमीनी स्तर पर ठोस उपाय करै का परी। हवा(हवाई बातन से कउनौ नतीजा नहीं निकरै का है।
श्री गहरवार इहौ कहिन कि अवधी आराधकन का एकु छण् सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर कर्नाटक जाय कै देखै(समझै का चाही कि भासा अउर तकनीक पर की तरह के शोध काम होय रहे हैं।
यहि संगोष्ठी के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार अउर अवधी आराधक नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान बताइन कि अवध भारती संस्थान अवधी की अब(तक द्दण्ण् पुस्तकन का प्रकाशित करि चुका है। जेहिमा से द्दण् किताबै उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ से पुरस्कृत कीन गयी हैं। अब अवधी का प्रौद्योगिकी से समर्थ बनावै पर काम कीन जाय रहा है।
विशिष्ट अतिथि केकेसी के प्रोफेसर डॉ सिद्धार्थ सिंह व कला वसुधा पत्रिका के सम्पादक शाखा बंदोपाध्यायौ सारगर्भित विचार रखिन। वरिष्ठ पत्रकार व अवधी आराधक प्रेमकांत तिवारी अवधी का जवानन से जोड़ै तईं कइव उपाय सुझाइन। कल्चर दीदी कुसुम वर्मा बिटियन का समर्पित एकु मार्मिक अवधी गीत प्रस्तुत किहिन।
गोष्ठी मा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनय दास, अवध भारती संस्थान के सचिव प्रदीप सारंग, डॉ सत्या सिंह, प्रदीप तिवारी धवल, चित्रकार पप्पू अवस्थी, कवि ओम मिश्रा, आदित्य शुक्ला बंजारा, संजय सांवरा, संदीप अनुरागी, प्रमोद यादव व गौरी शंकर वैश्य सहित तमाम अवधी साहित्यकार उपस्थित रहे।